Rajasthan Cabinet:गुर्जरों को सिर्फ एक राज्यमंत्री पद मिला, जबकि वसुंधरा खेमे से सात मंत्री मिले।भजन लाल सरकार में भगवा को जगह नहीं।
वसुंधरा राजे खेमे से सात लोग मंत्री बने हैं। तीनों भगवाधारी को कोई भी पद नहीं मिला। कांग्रेस से नाराज होकर बीजेपी में शामिल होने वाले गुर्जरों को सिर्फ एक राज्यमंत्री पद मिला है।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही राजस्थान मंत्रिमंडल की शपथ में शामिल नहीं हुईं। लेकिन उनके पक्ष के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। इनमें ओटाराम देवासी, गजेंद्र सिंह, सुरेंद्र पाल सिंह, सुरेश रावत, मंजू बाघमार, हेमंत मीणा (वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नंदलाल मीणा के बेटे) और जवाहर बेडम शामिल हैं।
इनमें से गजेंद्र सिंह खींवसर, हेमंत मीणा और सुरेश रावत को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल में 16 जिलों का प्रतिनिधित्व है। इसमें एसटी से किरोड़ीलाल मीणा, हेमंत मीणा, बाबूलाल खराड़ी और एससी से मदन दिलावर और मंजू बाघमार मंत्री हैं। इनके अलावा संजय शर्मा, राज्यवर्धन राठौड़ और गजेंद्र सिंह खींवसर को सामान्य वर्ग में मौका दिया गया है।
गुर्जरों में एक भी कैबिनेट नहीं, तीनों बाबा बाहर:
यह भी खास था कि बीजेपी ने मंत्रिमंडल से तीनों भगवाधारियों को बाहर रखा था। कैबिनेट में बाबा बालकनाथ, महंत प्रतापपुरी और बाल मुकुंदाचार्य तीनों को स्थान नहीं मिला।
इस बार गुर्जरों ने बीजेपी को बहुत वोट दिए। बीजेपी के टिकट पर पांच गुर्जर विधायक भी विजयी हुए। लेकिन गुर्जर विधायक को मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का पद नहीं मिला है। सिर्फ एक गुर्जर विधायक, जवाहर सिंह बेडम, को राज्यमंत्री का पद मिला है। मंत्रिमंडल गठन के बाद गुर्जर नेता भी इससे नाराज हैं। राजपूत वर्ग ने डिप्टी सीएम सहित दो कैबिनेट मंत्री बनाए हैं। जाटों की सरकार में कन्हैयालाल चौधरी कैबिनेट मंत्री बन गए हैं। राज्य मंत्री और स्वतंत्र प्रभार भी दिए गए।
कांग्रेस ने टीटी की शपथ को आचार संहिता का उल्लंघन बताया
मंत्रिमंडल में श्रीकरणपुर से चुनाव लड़ रहे सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भी शपथ दिला दी गई है। कांग्रेस ने इससे असंतोष व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है कि एक प्रत्याशी को मंत्री बनाया गया। संभवतः, उन्होंने कहा: यह देश का पहला मामला होगा। उनका कहना था कि यह मतदाताओं को धोखा देने के समान है।
विधायक ही नहीं बने सीधे मंत्री बने
राजस्थान में दो व्यक्ति का भाग्य चक्र अद्भुत है।पहली बार विधायक बनने के बाद भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बन गए।जबकि श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी, जो विधायक बनने से पहले मंत्री बन गए हैं,
लेकिन दो लोगों में से एक भी सच है..।मालवीय नगर सीट से बीजेपी के प्रताप सिंह सिंघवी सातवीं बार विधायक बने और छबड़ा से कालीचरण सराफ आठवीं बार विधायक बने, लेकिन दोनों अभी भी मंत्री पद की दौड़ से बाहर हैं।
यह बने कैबिनेट मंत्री ( Rajasthan Cabinet)
- किरोड़ी लाल मीना
- गजेन्द्र सिंह खींवसर
- राज्यवर्धन सिंह राठोड़
- बाबूलाल खराडी
- मदन दिलावर
- जोगाराम पटेल
- सुरेन्द्र सिंह रावत
- अविनाश गहलोत
- जोराराम कुमावत
- हेमंत मीना
- कन्हैया लाल चौधरी
- सुमित गोदारा
यह बने राज्यमंत्री
- ओटाराम देवासी
- डॉक्टर मंजू बाघमार
- विजय सिंह चौधरी
- के के बिश्नोई
- जवाहर सिंह बेढम
यह बने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार )
- संजय शर्मा
- गौतम कुमार
- झाबर सिंह खर्रा
- सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी
- हीरा लाल नागर
इस जाति के इतने मंत्री बने
- जाट- 4
- राजपूत- 3
- एससी- 3
- ब्राह्मण- 2
- एसटी- 3
- गुर्जर- 1
- सिख- 1
- पटेल- 1
- माली- 1
- वैश्य- 1
- धाकड़- 1
- देवासी- 1
- बिश्नोई- 1
- कुमावत- 1
